Refrence: विषय
शव्द: विषय
अर्थ: पदार्थ-तत्त्वों या वस्तुओं की जानकारी कराने वाले माध्यम को उसका विषय कहा जाता है। जैसे आकाश तथा आकाश-तत्त्व बहुल वस्तुओं की जानकारी का माध्यम ‘शब्द’ है, जो शब्द उसका विषय हुआ। वायु तथा वायु तत्त्व से सम्बंधित वस्तुओं की जानकारी कराने वाला माध्यम स्पर्श है, तो स्पर्श वायु तत्त्व का विषय हुआ। पुनः अग्नि तथा अग्नि तत्त्व का विषय हुआ तो जल तथा जल तत्त्व से सम्बंधित वस्तुओं की जानकारी कराने का विषय रस है, जो रस जल तत्त्व का विषय हुआ और पृथ्वी अथवा थल तथा थल तत्त्व से सम्बंधित वस्तुओं की जानकारी कराने वाला माध्यम गंध है, तो गंध थल तत्त्व का विषय हुआ। अंततः पाँचों पदार्थ तत्त्वों के मेल-मिलाप से ही हम आप के शरीर की रचना हुई अथवा शरीर उत्पन्न हुआ है। यही कारण है कि पाँचों पदार्थ तत्त्वों की जानकारी कराने वाला शब्द, स्पर्श, रूप, रस और गन्ध है। इसलिए शरीर तथा वस्तुओं का विषय शब्द, स्पर्श, रूप, रस और गन्ध मात्र पाँचों ही हुआ।