Refrence: रेचक
शव्द: रेचक
अर्थ: शरीर के अन्तर्गत निहित वायु को प्रस्वास के द्वारा शरीर से बाहर निकालने या बाहर फेंकने की प्रक्रिया को ही रेचक कहते हैं। रेचक नाड़ी शोधन की सर्वोत्तम क्रिया है। इसके अन्तर्गत शरीर के अन्दर की समस्त वायु को इस प्रकार से बाहर निकाला जाता है कि शरीर बिल्कुल ही वायु शून्य आभासित होने लगे। जितनी आवश्यकता शरीर को पूरक कि है उससे थोड़ी भी कम आवश्यकता रेचक कि ही नहीं है क्योंकि जब स्थान खाली नहीं रहेगा तो कोई व्यक्ति या वस्तु वहाँ कैसे जायेगा ? ठीक उसी प्रकार जब तक शरीर के अन्दर की वायु को भीतर से रेचक क्रिया से बाहर निकाल नहीं देंगे तब तक शरीर के अन्दर पूरक की क्रिया से आत्म-शक्ति कैसे प्रवेश करेगी, अर्थात् नहीं कर पायेगी। इस प्रकार पूरक की जितनी आवश्यकता शरीर को पड़ती है उससे जरा सा भी कम आवश्यकता पूरक हेतु रेचक की भी नहीं है।