Refrence: शीर्षासन
शव्द: शीर्षासन
अर्थ: शीर्षासन सिर के बल अर्थात् ऊपर पैर और नीचे सिर करके सीधा खड़ा होने वाला आसन ही शीर्षासन होता है। शीर्षासन शारीरिक एवं रक्त शुद्धि के लिये विशेष गुणकारी आसन है इस आसन से रक्त की गति उल्टी हो जाती है जिससे रक्त सम्बन्धी काफी दोष दूर हो जाया करता है परन्तु इस आसन की मर्यादा योग-साधना के अन्तर्गत विशेष तो नहीं है परन्तु शरीर शुद्धि हेतु रक्त-शुद्धि और रक्त-शुद्धि हेतु यह आसन भावप्रधान न होकर कसरत प्रधान होता है। फिर भी शरीर हेतु यह आसन अवश्य ही करने योग्य है। यह अनेक बीमारी की अचूक औषधि भी है।