Refrence: पद्मासन
शव्द: पद्मासन
अर्थ: पद्म जैसे आकार वाला होने के कारण इस आसन को पद्मासन कहा जाता है। यह आसन गुण में तो किसी भी आसन से कम नहीं, अपितु अधिक ही होता है परन्तु इसके करने में थोड़ी कठिनाई या परेशानी या कष्ट होता है, इसीलिये इसको सिद्धासन के बाद स्थान मिलता है। इसके साथ ही पद्म से स्वस्तिक का भावनात्मक महत्त्व अधिक है इसीलिये स्वस्तिकासन भी इसके पहले ही अपना स्थान ले लेता है क्योंकि योग-आसन, कसरत प्रधान नहीं अपितु भाव प्रधान होता है।पद्मासन में बायाँ पैर को दायाँ जंघा पर तथा दायाँ पैर को बायाँ जंघा पर रखकर सीना-गर्दन तथा ललाट को एक सीध में करके सीधा बैठना होता है। पद्मासन का अभ्यास प्रारम्भ करने में थोड़ी परेशानी या कष्ट अवश्य होता है परन्तु धीरे-धीरे अपने अभ्यास को बढ़ाते जाय तो यह आसन बहुत ही गुणकारी होता है।