Refrence: सृष्टि चक्र
शव्द: सृष्टि चक्र
अर्थ: चेतन आत्मा और शक्ति के द्वारा जीव और वस्तु रूप में परिवर्तित होकर आपसी सहयोग के माध्यम से कर्म करते और भोग भोगते हुये बार-बार कारण-सूक्ष्म-स्थूल तत्पश्चात स्थूल-सूक्ष्म-कारण आकृतियों (शरीरों और वस्तुओं) में परिवर्तित होते रहना ही सृष्टि चक्र है।